Wednesday 28 October 2015

हिमाचल में मिली 400 साल पुरानी "पारद विज्ञानं" पाण्डुलिपि

हिमाचल के निरमंड क्षेत्र से अढ़ाई सौ वर्ष पुरानी 'पारद विज्ञान नामक' पुस्तक मिली है। प्रदेश के निरमंड क्षेत्र से खोजी गई 1052 पन्नों की पुस्तक में क्या रहस्य छिपा है, इसके बारे में राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन ही बता सकता है। राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन को पुस्तक सौंपने के बाद इस पर शोध कार्य किया जा रहा है। पारद विज्ञान यानी कैमेस्ट्री की ऐसी प्राचीन पुस्तक है, जिसमें आयुर्वेद तंत्र विज्ञान, ज्योतिष की वह तमाम जानकारियां उपलब्ध होंगी, जिससे हिमाचल में इलाज की नई विद्या का पता चल पाएगा और हिमाचल के पुरातत्व इतिहास का नया पन्ना खुलेगा। पुस्तक मिलने की पुष्टि भाषा अकादमी ने की है।

दुनिया की प्रथम पुस्तक होने का गौरव प्राप्त है ऋग्वेद को। भारत में अध्यात्म और रहस्यमयी ज्ञान की खोज ऋग्वेद काल से ही हो रही है जिसके चलते यहां ऐसे संत, दार्शनिक और लेखक हुए हैं जिनके लिखे हुए का तोड़ दुनिया में और कहीं नहीं मिलेगा। उन्होंने जो लिख दिया वह अमर हो गया। उनकी ही लिखी हुई बातों को 2री और 12वीं शताब्दी के बीच अरब, यूनान, रोम और चीन ले जाया गया, रूपांतरण किया गया और फिर उसे दुनिया के सामने नए सिरे से प्रस्तुत कर दिया गया।

संस्कृत महाकाव्य में महाभारत, रघुवंश, रामायण, पद्मगुप्त, भट्टिकाव्य, बुद्धचरित, कुमारसम्भव, शिशुपाल वध, नैषधीय चरित, किरातार्जुनीयम, हर्षचरित। अपभ्रंश महाकाव्य में रावण वही, लीलाबई, सिरिचिन्हकव्वं, उसाणिरुद्म, कंस वही, पद्मचरित, रिट्थणेमिचरिउ, नागकुमार चरित, यशोधरा चरित।
हिन्दी महाकाव्य में पृथ्वीराज रासो, पद्मावत, रामचरितमानस, रामचंद्रिका, साकेत, प्रियप्रवास, कृष्णायन, कामायनी, उर्वशी, उर्मिला, तारक वध और तमिल महाकाव्य में शिलप्पादिकारम, जीवक चिन्तामणि, कुण्डलकेशी, वलयपति, तोल्काप्पियम, मणिमेखलै आदि महान ग्रंथ लिखे गए ।

पुराण, मनु स्मृति, पंचतंत्र, जातक कथाएं, सिंहासन बत्तीसी, हितोपदेश, कथासरित्सागर, तेनालीराम की कहानियां, शुकसप्तति, कामसूत्र, संस्कृत सुभाषित, नाट्य शास्त्र, अभिज्ञानशाकुन्तलम्, पंच पक्षी विज्ञान, अंगूठा विज्ञान, हस्तरेखा ज्योतिष, प्रश्न कुंडली विज्ञान, नंदी नड़ी ज्योतिष विज्ञान, परमाणु शास्त्र, शुल्ब सूत्र, श्रौतसूत्र, सिद्धांतशिरोमणि, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, च्यवन संहिता, शरीर शास्त्र, गर्भशास्त्र, रक्ताभिसरण शास्त्र, औषधि शास्त्र, रस रत्नाकर, रसेन्द्र मंगल, कक्षपुटतंत्र, आरोग्य मंजरी, योग सार, योगाष्टक, अष्टाध्यायी, त्रिपिटक, अगस्त्य संहिता, जिन सूत्र, समयसार, लीलावती, करण कुतूहल, चाणक्य का नीति एवं अर्थशास्त्र आदि कितनी ही किताबें हैं ।

1 comment:

  1. मोदीभक्त जो भी लिखेंगे उसमें मोदी का नाम भी लिख कर ये बता दें सूर्य की खोज मोदी ने की आइंस्टीन समीकरण मोदी ने दिया नोबले पुरस्कार मोदी की स्मृति में दिया जाता है सभी संहिताएं मोदी रचित है मोदी ही ब्रम्हांड है ब्रम्हांड ही मोदी है प्रथ्वी गोल है मोद जी ने करवाई है भक्तों को मोदीजी ने बनाया है इसलिए लिखो तो भक्ति घर रखकर आया करो और हां इतना ही सब कुछ किताबों में दिया है तो भारत शोध के मामले में पिछड़ा क्यों है ?

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