Wednesday 28 October 2015

मैं पापी था क्योंकि मैं सेक्युलर था

पहले तो मैं बहुत गन्दा आदमी था .. लोग कहते थे कि मैं बहुत शांत सीधा और अच्छा लड़का हूँ.. पुरे शहर में जानने वाले लोगों ने तारीफ़ ही की है पर आज मुझे समझ आ चूका है कि मैं बहुत बड़ा पापी था -.- बहुत ही गलत सोच रखता था ... क्योंकि.....
क्योंकि मैं 'सेक्युलर' था .... आज जाके पाप से दूर एक अच्छे रास्ते पर चलने का मौका मिला है ...लेकिन दोस्तों वो दिन अज्ञान के थे... नासमझी के थे .. कोई बताने वाला था ही नहीं.. किसी ने कहा ही नहीं कि हिन्दू धर्म क्या होता है ..सिर्फ मुझे स्कूल भेजा गया .. घरों में भी 'नंदन' ... 'सुमन सौरभ" जैसी किताबों में सेक्युलर कहानियां भरी पड़ी थी .. सबसे बड़ी बात मैं भगवन से घृणा करने वाले कम्युनिस्टों के नजदीक था .. एक बार मुझ पर मुसलमानो ने हमला किया सिर्फ हिन्दू होने की वजह से पर मैंने समझा कि ये तो बस बदमाश व्यवहार वाले अन्य लोगो की तरह हैं (ये कहानी कभी बाद में )....

पंडित से मिला .. हिंदूवादी से मिला ..नेताओं से मिला.. सैकड़ों दोस्तों के साथ खेला कूदा...रहा....पर किसी ने नहीं समझाया .. कि तू सेक्युलर है और पापी है ... इसलिए जो अज्ञान में हो जाए ..उसको मैं क्या कहूँ ?? लेकिन फिर भी ये मेरा खुद का प्रयास होना चाहिए था कि मैं अपने धर्म को जानूँ ... पर दोस्तों फिल्मो का भी मेरे ऊपर इतना प्रभाव पड़ा था कि साधू को सड़क पर या घर के बाहर आया देख घर के अंदर छुप जाता .. और भगा देता .. (इतना बड़ा पाप)...हाँ माँ कहती कि पूजा कर ले.. कथा करवानी है .. पर मैं नासमझ उसे मूर्खता मानता था .. हँसता था .. कहता था "ये सब क्या नाटक है माँ .. पैसो की बर्बादी "...

हे ईश्वर.. जो भी हुआ सब अनजाने में हुआ क्योंकि मेरा ज्ञान ही वही था .. जैसे आज भी करोडो पापी हिन्दू के रूप में ऐसा करने को ही पढ़ा लिखा होना समझते हैं...

उन सबका बहुत आभार है.. क़र्ज़ है .. जिनके लिखे हुए बातो से मुझे नयी जिंदगी मिली... एक रास्ता मिला .. कुछ ध्येय मिला...किये गए पापों का प्रायश्चित करने का मौका मिला ...

तो दोस्तों ये है मेरी छोटी सी कहानी.. मैं बड़ा पापी था क्योंकि मैं सेक्युलर था ..

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