Tuesday 27 October 2015

छोटा राजन के डॉन बन ने की कहानी

छोटा राजन उर्फ नाना। असली नाम राजन सदाशिव निखलजे। अंडरवर्ल्ड डॉन और मुंबई बम धमाकों के आरोपी दाऊद इब्राहिम का करीबी साथी, बाद में दुश्मन नंबर एक।
छोटा राजन अपने शुरुआती दिनों में मुंबई के शंकर सिनेमा पर टिकट ब्लैक किया करता था। इसी बीच, उसकी मुलाकात राजन नायर उर्फ बड़ा राजन से हुई। बड़ा राजन से उसने काली कमाई के गुर सीखे और बड़ा राजन के लिए शराब की तस्करी करने लगा। बड़ा राजन की मौत के बाद छोटा राजन ने उसकी गैंग का मुखिया बन गया। इसके बाद राजन की मुलाकत दाऊद इब्राहिम से हुई।

धीरे-धीरे उसने दाऊद गैंग में भी अपना प्रभाव जमा लिया। उसका बढ़ता प्रभाव भारत में डी कंपनी का काम संभाल रहे सौत्या, छोटा शकील और शरद शेट्टी को अखर रहा था। उन्होंने दाऊद को राजन के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया।

जब इसकी भनक राजन को लगी तो गैंग के अंदर चल रही गतिविधियों से खुद को असुरक्षित महसूस करने लगा था। उसे अपनी जान का खतरा भी सताने लगा था। उसने भारतीय अधिकारियों से निवेदन किया कि उसे दुबई से बाहर किसी और देश में जाने की अनुमति दी जाए। वह किसी और देश में नाम बदलकर रहना चाहता था। इसके बदले उसने भारतीय अधिकारियों को दाऊद सिंडिकेट के बारे में जानकारी साझा करने की पेशकश की भी की।

ऐसा माना जाता है कि राजन और दाऊद के अलग होने की सबसे बड़ी वजह 1993 के बम धमाके ही बताए जाते हैं। ये धमाके जहां दाऊद के इशारे पर हुए थे वहीं, राजन इनके खिलाफ बताया जाता था। बम ब्लास्ट की घटनाओं के बाद 1996 में राजन ने खुद को दाऊद से अलग कर लिया था। इसके बाद छोटा राजन ने अपना गैंग बनाया।
दाऊद से अलग होने के बाद राजन ने अपना खुद का गैंग बनाया। 1988 में छोटा राजन देश छोड़कर चला गया। तब से ही दाऊद और छोटा राजन के बीच छत्तीस का आंकड़ा बना हुआ है। 1994 से दाऊद और राजन के गैंग के बीच मुठभेड़ की खबरें आती रहती हैं।
एक समय ऐसा भी आया जब छोटा राजन को दाऊद की टक्कर का गैंगस्टर माना जाने लगा। कुछ लोगों ने उस पर दाऊद के मुकाबले ‘हिंदू डॉन' का लेबल भी लगा दिया। दाऊद ने कई बार राजन पर जानलेवा हमला कराया। छोटा राजन ने तो एक बार यहां तक कह दिया था कि 'दाऊद को बिना मारे नहीं मरूंगा।'
फिर शुरू हुआ खूनी संघर्ष का सिलसिला : बाद में दाऊद और छोटा राजन के गैंग के बीच खूनी लड़ाई की खबरें आम हो गईं। ऐसा कहा जाता है कि 1994 में राजन ने दाऊद के पसंदीदा साथी बख्तियार अहमद खान को बैंकॉक के एक होटल में टॉर्चर करके मार दिया। खान 1993 बम धमाकों में शामिल रहा था।

दाऊद ने 2002 में राजन को खत्म करने की योजना बनाई, लेकिन राजन एक कदम आगे निकला। उसने दाऊद के करीबी, शरद शेट्टी का खात्मा कर दिया जिससे दाऊद को बड़ा झटका लगा।
हाल में, इंडियन इंटेलिजेंस एजेंसीज के हाथ दाऊद का एक वॉइस टेप हाथ लगा था, जिसमें दाऊद और शकील के बीच बातचीत को इंटरसेप्ट किया। बातचीत में दाऊद छोटा शकील को छोटा राजन को मारने का आदेश दे रहा था।

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