Thursday 22 October 2015

भाजपा सरकार को नचाती देश की मीडिया

 लगता है भारत में भाजपा की नहीं ै 'मीडिया' की सरकार है...
देश के प्रधानमंत्री को और सरकार को तो जूतो की नोक पर रखती है हमारी मीडिया ..
सत्ताधारी दल के प्रवक्ता को जनता के सामने यूँही घसीट घसीट कर बेइज्जत करते हैं ..

एक दिन ndtv पर संबित पात्रा के लिए बोला गया ..
"नए नए दो दिन पहले पैदा हुए भाजपा के नेता "

एक दिन न्यूज़24 पर एक एंकर ने कहा
"सम्बित मैं अपनी पर आ गया तो छोड़ूंगा नहीं अभी तू मुझे जानता नहीं है ... हम पत्रकार हैं ..".
सिर्फ संबित ने कह दिया था कि आप लोग तो कांग्रेस के लिए काम करते हैं .. इसके बाद वो पागल हो गया ..
ऐसे लफंगे टाइप के भाषा यूज़ हो रहे हैं ..

आज देश के लिए कौन सा मुद्दा जरुरी है और कौन सा नहीं ये मीडिया तय करता है ..

प्रधानमंत्री को या किसी नेता को किससे माफ़ी माँगना है और किस से नहीं ये मीडिया आदेश देता है ..

मीडिया ने जो खबर चला दिया .. वही देश की नब्ज है .. जरुरत है .. उस खबर के बारे में जो मीडिया की राय है वही देश की राय है .. नहीं भी है तो मानना पड़ेगा ..

भाजपा बेबस है लाचार है भयभीत है .. और उस लाचारी को देख कर बहुमत से जिताने वाले हिन्दू वोटर शर्मिंदा हैं ...

मीडिया ने सीधा सीधा 100 करोड़ हिंदुओं को अपने 100 लोगों की टीम से टारगेट कर लिया है .... और सोशल मीडिया बनाम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का युद्ध बना दिया है .. कुछ भी हो कैसे भी हो बस न्यूज़ हिंदुओं को मिर्ची लगने वाली होनी चाहिए .. इतना ही मकसद है ..

जैसे कुत्ते हड्डी सूंघते हैं वैसे मीडिया वाले 'मोदी विरोधी ' न्यूज़ सूंघते हैं .. अपने रिपोर्टर को कह के रखा है .." कुत्तों .. एक भी हड्डी छुटी तो हम कुत्तों को हमारा मालिक खाना नहीं देगा .. इसलिए लगे रहो "

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