Friday 23 October 2015

मुसलमानों का अपने देश में सफाया करने वाले विराथू जी का वो विवादित प्रवचन

दोस्तों बर्मा के भिक्षु विराथु के बारे में बता चूका हूँ कि कैसे इन्होने वो काम करके दिखाया जो दुनिया में आज तक मुस्लिम के साथ कोई नहीं कर पाया था... और उन्होंने पूरी तरह से बर्मा से मुस्लिम को भगा ही दिया है .. ... कल मैंने यू टियूब पर कुछ उनका संबोधन भी सुना ... 

दुनिया के सेक्युलर मीडिया ने उनको "बर्मा का लादेन " के खिताब से नवाजा है .. पर इसके बाद भी वो विचलित नहीं हुए ... एक विडियो है जिसके बाद माना जाता है उसी प्रवचन के बाद बर्मा से मुसलमानों का सफाया होना शुरू हो गया ..

मैंने कल सुना .. जो उनके भाषा में था पर निचे अंग्रेजी में लिखा हुआ भी स्क्रॉल हो रहा था ... जिससे मैं समझ सका ...

उसमें उन्होंने क्या कहा .. जो मेरी समझ में आया .. वो ये कि ..
बौद्ध धर्मगुरु विराथू 

"आप जो भी करो एक राष्ट्रभक्त बन कर राष्ट्र के लिए करो ..आप आँखों से जो भी देखते हो उसको एक राष्ट्रभक्ति के नजरिये से देख कर आंकलन करो... जो भी कान से सुनो .. उसको भी राष्ट्रभक्ति के तरीके से ही सुनो .... जो भी करो वो राष्ट्रभक्त हो कर ही करो ... आपका व्यापार भी उसी नजरिये से हो ... 

दुःख ये है कि मुस्लमान का राष्ट्र के प्रति ऐसा कोई नजरिया नहीं होता ... वो जो भी करते हैं सिर्फ अपने लोगों के लिए करते हैं ... ये इनकी मोनोपोली होती है कि ये बाजार व्यापर सब अपने लोगों से करने की नियत रखते हैं .. मज़बूरी में ही दुसरे के साथ व्यापार करते हैं ......ये लोग देश की सेना से प्यार नहीं करते ... लेकिन अपनी सलामती के लिए सेना को कुछ समय के लिए सपोर्ट करते हैं ... मानवाधिकार कि बातें सिर्फ अपने मजहब के लोगों के लिए करते हैं वरना इनका रिलिजन ही human rights के लिए सबसे बड़ा खतरा है .. हमारे देश में सरकार में कुछ घुसते हैं तो सिर्फ इसलिए कि उनके लिए खतरा कम हो जाए ... 

एक बात बताता हूँ कि मैं MYOT HLA गया था ... वहाँ के भिक्षुओं ने मुझसे कहा कि वो अपने त्यौहार नहीं मना पा रहे ... क्यूँ कि मुस्लिम ऐसा करने नहीं देते ...... मेरे अन्दर जैसे ब्लास्ट हुआ ... ये कैसी सरकार और लोग है .. ? जरा सोचिये... ये बहुत डरावना है ... और जितना सोचेंगे .. उतना ही डरावना होगा .. ये हर जगह जमीन खरीदते हैं... 

वो पैसे की ताकत का उपयोग हमारे औरतों को फंसाने में करते हैं ... अपना बनाने में करते हैं... वो सबकुछ करते हैं ... जब अराकान में हमारे लोगों का नरसंहार हो रहा था तो सरकार चुप थी... याद रखिये ..सरकार हमेशा एक राष्ट्र के तौर पर ही एक्शन लेती है ... 

मैं कहता हूँ हम सब एक हो जाएँ और हर काम और व्यापार सिर्फ बौद्धों के बीच में होने चाहिए ... ये आपको धर्म परिवर्तन के लिए जोर डालेंगे... और इनके बच्चे भी देश के लिए खतरा है ..क्यूंकि वो भी बड़े होकर ऐसा ही करेंगे ... जब ये जन्संखया में ज्यादा होंगे... हमारे धर्म को मिटा देंगे... हमारी धरती हमसे ही छीन लेंगे ... हम सड़क पर आ जायेंगे.. आपका नजरिया दूर याने भविष्य के तरफ होना चाहिए ना कि सिर्फ अभी के लिए ... अगर आज हम संगठित होने में नाकामयाब रहे तो हम उजड़ जायेंगे ..

मुझे विश्वास है कि ये लड़ाई जो शुरू हो रही है उसमे हम बौद्ध ही जीतेंगे .. एक के बाद एक लड़ाई जीतेंगे ....पर आपका समर्थन चाहिए वरना सबकुछ ख़त्म हो जाएगा .. ."

No comments:

Post a Comment