Wednesday 28 October 2015

पुरस्कार वापसी का डेंगू फैला फिल्मकारों में

ये कम्युनिस्ट वामपंथी लोग क्या क्या खाएंगे यार ? गौमांस पर इतना जोर .. ? गौमांस ना हो गया ईनकी जिंदगी ही बेकार हो गयी ..  पुरस्कार लौटाए जा रहे हैं .. आज फ़िल्म वालो में ये डेंगू फैला और 10 लोगो ने राष्ट्रिय पुरस्कार वापिस कर दिए .. इनको हर हालात में गौमांस चाहिए .. दूसरा हिन्दू "चुपचाप" वाला चाहिए .. जो सबकुछ सहता रहे .. राष्ट्रिय पुरस्कार वापिस करते हुए जो बोले उसका मतलब ये था कि ...

"ऐसा खतरनाक हिन्दू वाला माहौल इससे पहले कभी नहीं था .. "

कहने का मतलब है मुस्लमान हत्या पर हत्या करते चले जाएँ इनको कभी खतरनाक नहीं लगा .. बम फोड़ दें .. होटल उड़ा दें .. लव जिहाद करें .. रेप जिहाद करें .. पाकिस्तान के लिए जान दे दें .. ISIS के झंडे लहरायें .. गाय की हत्या करके गाय ही खत्म कर दें .. जिहादी आतंकी याकूब जैसे के लिए खुल कर मोहब्बत दिखाएँ .. शहीद स्मारक को लात मार कर तोड़ दें .. या आजाद मैदान मुम्बई में पुलिस की हत्या कर दें या भजन बजने पर रोक लगा दें या दुर्गा पूजा ना होने दें .. पुरे देश में हाहाकार मचा दें .. सब चलता है .. दरअसल वही लोकतंत्र है .. वही है शान्ति मोहब्बत का असली माहौल ...

ये हिन्दू लोग अचानक से ये सब रोकने के लिए आवाज उठाने लगे है .. हथियार भी उठाने लगे हैं ?? भाई ये तो लोकतन्त्र के खिलाफ है .. और ये कैसे संभव है कि हिन्दू आवाज उठाएगा ? आज तक ऐसा नहीं हुआ .. जरूर देश में गड़बड़ है .. कुछ तो गड़बड़ है ..

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