Wednesday 21 October 2015

दुनिया की सबसे कायर कौम भाग रही औरत के भेष में

थू.. आज मेरा ये विश्वास भी ख़त्म हो गया कि मुस्लमान जन्नत जाने के लिए . इस्लाम के लिए ... और अल्ला के लिए कुछ भी कर सकते हैं ... आज मैं दावे से कह सकता हूँ कि इससे कायर कौम ... दुनिया में कोई नहीं है . .. 
क्या मुसलमानों का समूह ... अपने उस दाढ़ी मूंछ को मुंड लेगा जो अल्लाह की निशानी है ? एक सच्चे मुस्लमान की पहचान है ? ? उस युद्ध के मैदान को छोड़ कर भाग जायेगा जहाँ मुस्लमान और काफिरों के लड़ाई चल रही हो ?
रूस के हमलों से घबरा कर .. सारे मुस्लिम जो अल्लाह के लिए लड़ रहे थे .. जो अपने इस्लाम के लिए लड़ रहे थे .. जो कुरआन के आदेशों का पालन कर रहे थे .. आज एक काफिर 'पुतिन' से बचने के लिए दाढ़ी मूंछ और सर के बाल भी मूंड कर .. ब्रा पहन कर .. बुर्के से शरीर ढँक कर सरिया छोड़ कर तुर्की की तरफ भाग रहे हैं ... .क्या यही होता है मुस्लमान .. ? क्या यही है .. एक सच्चे मुस्लमान का फट्टू जिहाद ? क्या ऐसे मारेंगे काफिर को ? . क्या इस्लाम ने काफिर के डर से ब्रा पहन कर भागने को कहा था ? ? ए अल्लाह नीचे उतर और देख ... कैसे घटिया .. गलीज और कायर कौम को तूने पैदा किया है ...
काफिर पुतिन से लड़ कर मर जाता तो . भी तो उसे जन्नत मिलता था .. इसी के लिए तो गए थे . तो क्या मौत का खौफ्फ़ ..जन्नत पर हावी हो गया है ... ? इस धरती की गलीज जिंदगी के लिए .. जन्नत की ७२ हूरों को छोड़ कर भाग रहे हैं ?? क्या बगदादी और इनके सिपहसालारों में इनके अन्दर जोश जगाने की कूवत नहीं है ... ?? दुनिया भर के हथियार दिए इस कायर कौम को काफ़िर से लड़ने के लिए ... और औरत .. बन कर मैदान छोड़ कर भाग रहे हैं...
अबे डूब मरो दुनिया के मुसलमानों .. मर क्यूँ नहीं गए .. तुमलोग ...अपने ऐसी हालत देख कर .. थू है... ऐसी मुग़लिया बहादुरी पर ... इसी वजह से आज तक हिंदुस्तान में इस्लाम का राज ना हो सका...

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