Friday 30 October 2015

कैसे योगी आदित्यनाथ ने मुस्लिम आतंक का नाश किया

योगी आदित्यनाथ जैसे कट्टर हिन्दू को खुद मुसलमानों ने अपने अत्याचार से खड़ा किया .. इनके इलाके में क्या क्या जुल्म नहीं हुए .. और तब योगी जी का वास्तविक जन्म इनका जुल्म मिटाने को लेकर हुआ .. .

जरा देखिये कैसे योगी आदित्यनाथ ने मुसलमानों के बर्बर जुल्म से हिन्दुओं को आजाद कर के धर्म की पताका गोरखपुर में लहराया... पहले कुछ बानगी जो गोरखपुर में मुसलमानों ने किया था ..
:- सन् 2002 में महाराज गंज के निचलौल के डोमाकारी गांव में मुस्लिम दंगाइयों ने दस हरिजनों का गला रेता। जब पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की तब पीड़ित हिन्दू सरकार को छोड़ योगी जी से इन्साफ मांगने पहुंचा और इन्साफ मिला
:- महाराजगंज के ही नरकटहां में कुछ यादव परिवारों पर दंगाइयों का कहर बरपा, एक व्यक्ति का गला रेत दिया गया।
:- बरहज में दो मुसलमानों के झगड़े में बीच बचाव करने गए एक हिन्दू की नृशंस हत्या हुई।
:- सिद्धार्थ नगर में मुस्लिम दंगाइयों ने दो दूध बेचने वालों को एक मामूली विवाद में मौत के घाट उतार दिया।
:- बखिरा, संत कबीर नगर में एक गूंगी युवती के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना हुई।
:- सन् 2004 में देवरिया के घाटी गांव में घटी जहां एक शर्मा परिवार की नाबालिग बच्ची के साथ मुस्लिम अपराधी तत्वों ने सामुहिक बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी।
:- कुशीनगर के मोहन मुरेरा में भी एक दलित परिवार की लड़की चन्द्रशिला के साथ ऐसी ही घटना घटी। चन्द्रशिला की लाश घर के दरवाजे पर पड़ी रही, परिजन चीखते-चिल्लाते रहे लेकिन पुलिस ने एक न सुनी।
:- पचरुखिया में आस्था के केंद्र एक पीपल का पेड़ जिसे हिन्दू पूजा करते उसे मुसलमानों ने काट दिया तब योगी जी ने जा कर खुद नया पौधा लगाया और लड़ाई लड़ी..
इन सब मामलों में पुलिस ने उल्टा पीड़ित हिन्दुओं को डांट-फटकार कर भगाने और मामला रफा-दफा करने की कोशिश की। ये मउस्लिमों के द्वारा किये गए वो बर्बर जुल्म की कहानी है जिसके बाद योगी आदित्यनाथ जैसे संत को एक योद्धा का रूप अपनाना पड़ा ... मुसलमानों के ज़ुल्मों से लोहा लिया ... जेल भी गए ... पुलिस ने ही नहीं सरकार ने हर ज़ुल्म ढाए लेकिन जब नाथ सम्प्रदाय के वाहक आदित्यनाथ को लोगों का साथ मिला तो मुसलमानों के ज़ुल्मो का अंत कर डाला ... आज आदित्यनाथ किसी भाजपा और आरएसएस की वजह से नहीं खड़े हैं बल्कि हिंदुत्व के लिए मर मिटने और मिटाने की संकल्प शक्ति की वजह से खड़े हैं..

और आज ऐसा ही लग रहा है कि पुरे भारत में कई योगी आदित्यनाथ जन्म ले चुके हैं.. वक़्त की मांग है .. .मज़बूरी भी है .. अस्तित्व दांव पर है ..

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